UPPCL Privatisation News
Official Tender Notice
UPPCL Privatisation News: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पूरे बिजली विभाग को निजीकरण करने में अपना रुख शुरू कर दिया है, इसके संबंध में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 20 मार्च 2025 को ऑफिशल टेंडर बिड जारी कर दिया है। जिसके कारण यूपीपीसीएल के कर्मचारी काफी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं साथ ही साथ यूपीपीसीएल की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी यह बुरी खबर है क्योंकि बहुत सारे छात्र बहुत दिनों से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में अपनी नौकरी का आस लगाए हुए थे और तैयारी में लगे थे, इन सभी के उम्मीद पर पानी फिर चुका है।
UPPCL Privatisation Tender Notice में क्या है ?
उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 20 मार्च 2025 को जो ऑफिशल नोटिस जारी किया है उसका कुछ सारांश नीचे दिया गया है: –
🔰 इस पोस्ट में महत्वपूर्ण टॉपिक 🔰
विषय वस्तु: उत्तर प्रदेश की दो विद्युत वितरण कंपनियों दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में निजीकरण को सक्षम करने के लिए लेनदेन सलाहकार सेवाएं प्रदान करने में यूपीपीसीएल की सहायता के लिए एक सलाहकार/ लेनदेन सलाहकार की तैनाती।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की तकनीकी मूल्यांकन समिति (Technical Evaluation Committee) ने बोलीदाताओं द्वारा प्रस्तुत तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन किया। यह मूल्यांकन रिपोर्ट नीचे दिया गया है:-
Sr. No. | Name of Bidder | Total Marks |
01 | Ernst and Young LLP | 91 |
02 | Grant Thornton Bharat LLP | 83 |
03 | Deloitte Touche Tohmastu India LLP | 84 |
इसके अलावा, सभी बोलीदाताओं को सूचित किया जाता है कि वित्तीय बोली (मूल्य भाग/ Price Part) 21/03/2025 को शाम 05:00 बजे खोली जाएगी।

UPPCL को खरीदने के लिए उच्च बोली लगाने वाले कंपनियां
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड तथा दक्षिण अंचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड बिजली विभाग को प्राइवेट करने के लिए 20 मार्च 2025 को उच्च बोली लगाने वाले Bidder Company का नाम और उनके मार्क्स अपने ऑफिशल नोटिस में दे दिया है जिसका की Financial Bid (Price Part) 21 मार्च 2025 को शाम 5:00 बजे जारी कर दिया है।
इसमें यूपीपीसीएल को खरीदने के लिए उच्च बोली लगाने वाले तीन प्रमुख कंपनियां सामने उभर कर आई, जिसमें Ernst and Young LLP, Grant Thornton Bharat LLP और Deloitte Touche Tohmastu India LLP कंपनियां शामिल हैं।
पूरे उत्तर प्रदेश में UPPCL निजीकरण का हो रहा विरोध
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पूरे बिजली विभाग को धीरे-धीरे प्राइवेट करना बहुत दिनों से ही शुरू कर दिया था, जिसके कारण आए दिन यूपीपीसीएल के आधिकारिक और कर्मचारी इस निजीकरण को रोकने के लिए अपने स्तर पर अपनी मांग को पूरा करने के लिए तरह-तरह का, समय समय पर विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्राइवेट हो जाने से कर्मचारी की नौकरियों में संकट है साथ ही साथ यूपीपीसीएल की तैयारी कर रहे छात्रों में भी इसका आक्रोश है साथ ही साथ बिजली उपभोक्ता भी इस बात से नाराज हैं क्योंकि बिजली विभाग प्राइवेट कंपनियों के हाथ में चले जाने पर कर्मचारियों पर काम का लोड मिलेगा साथ ही साथ स्थाई नौकरियां बंद कर दी जाएगी, बिजली खपत की दरों में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है क्योंकि बिजली विभाग का पूरा कंट्रोल प्राइवेट कंपनियों के हाथ लग जाएगा।
क्या छात्रों को UPPCL में रोजगार का अवसर मिलेगा ?
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड बिजली विभाग पूरी तरफ से प्राइवेट कंपनियों के हाथ में चले जाने से स्थाई रोजगार में कमी देखने को मिलेगी साथ ही साथ ज्यादातर भर्ती संविदा आधारित होने लगेंगे। इसमें युवाओं को रोजगार तो मिलेगा लेकिन इसका पूरा नियंत्रण प्राइवेट कंपनियों के हाथ में होगी।
UPPCL को क्यों प्राइवेट किया जा रहा है?
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड का कहना है कि बिजली विभाग बहुत दिनों से घाटे में चल रही है जिसके कारण जनता को पूर्ण रूप से समय से बिजली प्रदान करने में काफी सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि जनता के द्वारा समय से बिजली का भुगतान नहीं किया जाता है कहीं पर बिजली की चोरी भी की जाती है सारी सारी समस्याएं हैं । यूपीपीसीएल इसे बेहतर बनाने के लिए पूरे बिजली विभाग को धीरे-धीरे प्राइवेट कंपनियां के हाथ में बेच रहा है ताकि लोगों को अच्छे बिजली तथा सुविधा प्रदान की जा सके।
UPPCL को प्राइवेट करने के फायदे और नुकसान
UPPCL को प्राइवेट करने से प्राइवेट कंपनियां तरह-तरह के नियम कानून लगा करके लोगों से बिजली का पैसा वसूल लेते हैं साथ ही साथ अच्छी बिजली सुविधा प्रदान करते हैं साथ ही राजस्व में भी वृद्धि होती है। प्राइवेट होने से बिजली की चोरी में कुछ हद तक सुधार(कमी) होगा। बिजली विभाग में प्राइवेट स्तर पर रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
UPPCL के प्राइवेट होने से बहुत सारी कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ेगा जैसे की बिजली विभाग में जो सरकारी कर्मचारी रह रहे हैं उनकी नौकरियां पर भी बुरा असर पड़ सकता है और जो छात्र यूपीपीसीएल में सरकारी नौकरी का जब करना चाहते थे उनके भी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसमें आने वाली भारतीय स्थाई ना होकर अस्थाई होने लगेगी जिसमें प्राइवेट कंपनियां अपने हिसाब से कम वेतन में ज्यादा काम करवाती हैं। साथ ही साथ जनता में पहुंच रही बिजली के दरों में भी वृद्धि हो सकती है आदि इसके नुकसान है।
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